Himachal Flood हिमाचल में मौसम साफ होने के बावजूद मौसम विभाग ने 17 जुलाई तक भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। मंडी जिले में आपदा राहत कार्य तेज़ी से चल रहे हैं लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 223 सड़कें अभी भी बंद हैं। इस मानसून में अब तक 91 लोगों की जान जा चुकी है और 749 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
शिमला। Himachal Disaster: प्रदेशभर में शुक्रवार को मौसम साफ रहा, हालांकि कुछ स्थानों पर बादल छाने के साथ वर्षा भी हुई। शिमला शहर के साथ लगते जुब्बड़हट्टी में 47 और नारकंडा में 12 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विभाग ने 17 जुलाई तक प्रदेश के कई स्थानों पर भारी वर्षा होने का यलो अलर्ट जारी किया है।
12 जुलाई को शिमला, सोलन व सिरमौर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है, वहीं 13 जुलाई को भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम साफ होने से मंडी जिला में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों सहित बाधित सड़कों को खोलने और वाहनों के चलने योग्य करने का कार्य तेज हुआ है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार भूस्खलन और अन्य कारणों से एक राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) समेत 223 सड़कें बंद हैं। 151 ट्रांसफार्मर और 815 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां एक एनएच समेत 166 सड़कें, 143 ट्रांसफार्मर और 204 पेयजल योजनाएं बंद हैं। कांगड़ा जिले में भी 603 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
अब तक 91 की मौत
इस मानसून सीजन में अब तक 91 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 34 लापता हैं और 131 लोग घायल हुए हैं। वर्षा से 432 घर पूरी तरह टूट गए हैं, जबकि 928 को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। अब तक प्रदेश को लगभग 749 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
चंबा में महसूस हुए भूकंप के झटके
जिला चंबा में शुक्रवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे कुछ देर के लिए लोगों में भय का माहौल रहा। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.5 मापी गई और इसका केंद्र जमीन की सतह से पांच किलोमीटर गहराई में था।
भूकंप के झटके सुबह करीब 6:23 बजे महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता कम थी और इसकी अवधि कुछ ही सेकंड रही। उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने बताया कि भूकंप की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक तंत्र को अलर्ट कर दिया था।
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