ई-अन्नदाता वेलफेयर एंड डेवलपमेंट ऑफ इंडिया: किसानों को सशक्त बनाने के लिए एक सुनहरा अवसर
ई-अन्नदाता वेलफेयर एंड डेवलपमेंट ऑफ इंडिया: किसानों को सशक्त बनाने के लिए एक सुनहरा अवसर
नई दिल्ली। ई-अन्नदाता वेलफेयर एंड डेवलपमेंट ऑफ इंडिया के तहत ई-अन्नदाता साथी के पद के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह योजना विकसित भारत कार्यक्रम - 2047 के अंतर्गत किसानों को सम्मानित और सशक्त बनाने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत प्रत्येक ग्राम सभा में एक ही व्यक्ति को ई-अन्नदाता साथी के रूप में चयनित किया जाएगा, जो गांव के किसानों के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
ई-अन्नदाता साथी के लिए आयु सीमा 18 से 45 वर्ष निर्धारित की गई है। आवेदक के पास इंटरमीडिएट (12वीं) या समकक्ष योग्यता के साथ कंप्यूटर का ज्ञान होना अनिवार्य है। आवेदन के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक पासबुक की प्रतिलिपि संलग्न करनी होगी। आवेदन शुल्क 1999 रुपये निर्धारित किया गया है, लेकिन यदि कोई आवेदक अंतिम तिथि के बाद आवेदन करता है, तो यह शुल्क बढ़कर 19990 रुपये हो जाएगा। आवेदन पत्रों का सत्यापन 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक किया जाएगा।
ई-अन्नदाता साथी को अपने गांव में एक कार्यालय स्थापित करना आवश्यक होगा, जिसके लिए कम से कम 10x10 वर्ग फुट का एक कमरा (स्वयं का या किराये का) होना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें कंप्यूटर, लैपटॉप, वेबकैम, स्कैनर आदि की व्यवस्था करनी होगी। यदि कोई उम्मीदवार आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था नहीं कर सकता, तो उसे प्री-पेड किट उपलब्ध कराई जाएगी। सत्यापन प्रक्रिया के दौरान, ग्राम प्रधान/सरपंच/मुखिया से चरित्र प्रमाण पत्र और नोटरी द्वारा शपथ पत्र की मूल प्रति जमा करना अनिवार्य होगा।
ई-अन्नदाता साथी को किसानों के ई-अन्नदाता कार्ड निःशुल्क बनाकर उनके घर तक रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेजने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके अलावा, उन्हें ई-अन्नदाता द्वारा निर्धारित अन्य कार्य भी करने होंगे, जिनका अलग से भुगतान किया जाएगा। इस कार्य के माध्यम से एक ई-अन्नदाता साथी हर महीने न्यूनतम 25,000 रुपये से लेकर 3,50,000 रुपये तक की आय अर्जित कर सकता है। यह आय डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जाएगी।
गौरतलब है कि यह योजना "पहले आओ, पहले पाओ" के आधार पर संचालित हो रही है। यानी यदि किसी ग्राम सभा में पहले से ही किसी व्यक्ति को ई-अन्नदाता साथी या केयर सेंटर संचालक के रूप में चयनित कर लिया गया है, तो वहां नया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसे में आवेदकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द आवेदन सुनिश्चित करें।
ई-अन्नदाता साथी के रूप में कार्य करने वालों को उनके प्रदर्शन के आधार पर ई-अन्नदाता केयर सेंटर में पदोन्नत किया जा सकता है, जिससे वे ई-अन्नदाता की सभी योजनाओं का संचालन कर सकेंगे। यदि कोई साथी प्रतिदिन 40 कार्ड बनाता है, तो वह न्यूनतम 25,000 रुपये मासिक आय सुनिश्चित कर सकता है। इसके अलावा, सरकार की विभिन्न योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के लिए उन्हें अतिरिक्त भुगतान भी किया जाएगा।
ई-अन्नदाता संगठन के नियमों के अनुसार, आवेदन प्रक्रिया पूरी होने तक किसी भी पदाधिकारी या कर्मचारी से व्यक्तिगत रूप से मिलना अनुमत नहीं होगा। यदि कोई उम्मीदवार संस्था के नियमों का उल्लंघन करता है या कर्मचारियों के प्रति अनुचित व्यवहार करता है, तो उसे बिना किसी पूर्व सूचना के निलंबित किया जा सकता है। साथ ही, संगठन को किसी भी नियम में बदलाव करने, प्रक्रिया को रोकने या संशोधित करने का पूर्ण अधिकार सुरक्षित है।
ई-अन्नदाता साथी के रूप में कार्य करने के इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे www.eAnnadata.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें। आवेदन केवल ई-अन्नदाता की आधिकारिक वेबसाइट पर भरे गए फॉर्म के माध्यम से ही स्वीकार किए जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-208-5254 पर संपर्क किया जा सकता है।
बेरोजगार युवाओं के लिए सुनहरा अवसर
अगर आप बेरोजगार हैं या कोई नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस योजना का समर्थन किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में किसानों और अन्नदाता का महत्वपूर्ण योगदान होगा। यदि आप इस योजना का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो 30 मार्च से पहले अपना आवेदन सुनिश्चित करें, क्योंकि यही आवेदन की अंतिम तिथि है।
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